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अचलेश्वर महादेव मंदिर जहा दिन में तीन बार रंग बदलता है यह शिवलिंग जो राजस्थान अचलगढ धोलपुर में स्थित है जहा हर मन्नत पूरी होती है

मध्य प्रदेश के मंडला जिले में जहां हनुमान दिन में तीन बार रूप बदलते हैं वहीं उज्जैन में भैरव शराब पीते हैं। ऐसी और भी कई जगहें मौजूद हैं जिनके बारे में हम नहीं जानते। खैर, आज हम आपको बताएंगे राजस्थान के अचलेश्वर महादेव मंदिर के बारे में। वहां शिवलिंग तीन बार रंग बदलता है।



लोकेशन :धोलपुर ,राजस्थान 
प्रवेश : मुफ्त
वाहन पार्किंग : हा
फोटोग्राफी : मंदिर के अन्दर मना
समय : सुबह के 4:00  से रात के 10 :00 तक
अमावश्या स्पेशल समय : रात के 12:00 बजे से सुबह के 1 :00 बजे तक
मुलाकात के लिए समय : करीबन 1 घंटा
मुलाकात के लिए सही समय : हररोज सुबह -शाम
नजदीकी रेलवे स्टेशन : धोलपुर रेलवे स्टेशन जंक्शन
नजदीकी हवाई अड्डा :आगरा हवाई अड्डा


इस शिवलिंग पर एक निशान भी है जिसे पूजा जाता है। उस निशान को लेकर भी एक मान्यता जुड़ी हुई है। कहां है यह मंदिर? यह कब बना था? इसकी कथा क्या है? यहां किसकी पूजाहोती है? ऐसे ही कई सवालों के जवाब के लिए पढ़िए यह स्टोरी।



अचलेश्वर महादेव मंदिर धौलपुर, राजस्थान के माउण्ट आबू में स्थित है। यह विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहाँ भगवान शिव तथा उनके शिवलिंग की नहीं, बल्कि उनके पैर के अंगूठे की पूजा की जाती है। यहाँ भगवान शिव अंगूठे के रूप में विराजते हैं|अचलेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग तीन बार रंग बदलता है। सुबह शिवलिंग का कलर लाल होता है, दोपहर को केसरिया और शाम को कलर सांवला हो जाता है।मंदिर अतिप्राचीन है। कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 2,500 साल पहले हुई थी।




मंदिर में पंच धातु के नंदी की एक विशाल प्रतिमा है, जिसका वजन चार टन है। शिवलिंग के ऊपर एक तरफ पैर के अंगूठे का निशान उभरा हुआ है, जिसे स्वयंभू शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है

यह देवाधिदेव शिव का दाहिना अंगूठा माना जाता है। अँगूठे के बारे में क्या मान्यता है इसे जानने के लिए आगे पढ़ें। 

यह है मान्यता

मान्यता है कि इसी अंगूठे ने पूरे माउण्ट आबू के पहाड़ को थाम रखा है, जिस दिन अंगूठे का निशान गायब हो जाएगा, माउण्ट आबू का पहाड़ खत्म हो जाएगा।

भगवान के दस अवतार के दर्शन 

गर्भगृह के बाहर भगवान विष्णु के दस अवतारों की मूर्तियां भी हैं। इनमें वराह, नरसिंह, वामन, कच्छप, मत्स्य, कृष्ण, राम, परशुराम, बुद्ध व कलंगी अवतारों की काले पत्थर की भव्य मूर्तियां स्थापित हैं। क्या हैं पौराणिक कथाएं, ये जानिए आगे।

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अचलेश्वर महादेव मंदिर गूगल मेप 


1 comment:

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