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कार्तिक पूर्णिमा देव दिवाली के स्नान का विशेष महत्व

आप सभी जानते है भारत की पवित्र धार्मिक नदियों में स्नान का हिन्दू धर्म में अत्यधिक महत्व बताया गया है | पर सबसे ज्यादा महत्व का दिन कार्तिक महीने के पूर्णिमा को माना जाता है | माना जाता है की इस दिन स्नान करने से एक हजार बार किये गए गंगा स्नान का फल प्राप्त होता है |

इस दिन वाराणसी काशी में देव दिवाली त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है | मान्यता है कि इस दिन गंगा घाट पर देवता मनुष्यों के साथ दिवाली मनाने आते है |

साथ में यह भी मान्यता है कुम्भ में किये गये स्नान का जितना महत्त्व है उतना ही कार्तिक माह की पूर्णिमा को स्नान के बाद फल प्राप्त होता है |

सूर्योदय पूर्व करे स्नान

यदि आप अधिक से अधिक स्नान द्वारा पुण्य कमाना चाहते है तो स्नान आप सूर्य उदय से पूर्व करे | पवित्र नदियों में स्नान से पूर्व अपने हाथ पैर पहले धो ले फिर आचमन करे और फिर स्नान के समय हाथ में कुशा लेकर स्नान करे |स्नान करते समय आधा शरीर जल में रहे और भगवान शिव विष्णु का ध्यान करते रहे |



पीपल को जल दे और दीप जलाये

लक्ष्मी जी और त्रिदेवो का वास पीपल के पेड़ में बताया गया है | इस दिन स्नान के बाद पीपल के वृक्ष की पूजा करे और जल चढ़ाये और संध्या को दीपदान करे | इससे धन लक्ष्मी प्रसन्न होती है और सुख सम्पति प्रदान करती है |

घर में कैसे करे कार्तिक पूर्णिमा का स्नान

यदि आप पवित्र नदियों पर नही जा सकते तो आप घर में भी इस स्नान का कुछ लाभ ले सकते है | आप नहाने के पानी में पवित्र जल गंगा का मिला कर स्नान कर ले | इसके बाद भगवान सूर्य को जल से अर्घ्य जरुर दे |

पवित्र स्नान के बाद और क्या अच्छे कर्म करे

कार्तिक पूर्णिमा के गंगा स्नान के बाद आप फिर भगवान की भक्ति , गरीबो को दान दक्षिणा , हवन, यज्ञ आदि करके पुण्य कमा सकते है | दान में आप अन्न दान , वस्त्र दान और अर्थ दान दे सकते है | इस दिन दिया गया दान आपके बुरे समय में काम आता है |

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