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विश्व में पहेचाना जाता है भारत देश अपनी भारतीय संस्कृति के लिए जानिए

भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन संस्कृति है जो लगभग ५००० हजार वर्ष पुरानी है। विश्व की पहली और महान संस्कृति के रुप में भारतीय संस्कृति को माना जाता है | पुरे विश्व में भारत देश अपनी संस्कृति के लिए पहचाना जाता है | भारतीय संस्कृति को विश्व की सभी संस्कृतियो की जननी कहा जाता है |भारतीय संस्कृति में पहेले धर्मं की संस्कृति को जाना जाता है | भारत देश बिनसांप्रदायिक देश है| इस देश की सबसे बड़ी संस्कृती में ये बात आती है | बिनसांप्रदायिक का अर्थ होता है सभी धर्मं के लोग को रहेने का अधिकार और कोई भी धर्मं अपनाने का अधिकार |भारत देश में हिन्दू,मुस्लिम,शिख,पारशी,इसाई, जैन सभी धर्मो के लोग हिल मिल कर रहेते है और एक दुशरे से कदम से कदम मिलकर चलते है |भारत देश में बड़े बड़े संत महात्मा और रिशिमुनियो, ने हमें धर्मं ग्रन्थ, वेद, उपनिषद, पूरण,श्रीमद भगवद जैस धर्मं ग्रन्थ, और सभी धर्मो के धर्मं ग्रन्थ की बहुत ही बड़ी भेट दी है , जिससे हमें अच्छे और सरल जीवन जीने के तरीके सिख सखते है |

भारत देश पर मुघलो , अंग्रेजो ,राजपूतो जैसे अनेको ने राज किया और उन्होंने ऐसे ऐसे इमारतों और ग्रंथो की रचना की की आधुनिक समय में हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते | उससे पहले कहा जाता है की सतयुग में भगवान ने भी इस भारत देश की धरती पर अवतार लिए है | किसी भी देश की संस्कृति में ऐसी बात नहीं लिखी होती जो भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा है | इस देश में श्रीराम,श्री कृष्ण,संत कबीर,महमद साहेब पयगम्बर, गुरु गोविंद ,शंकर पार्वती ,अल्लाह, प्रभु इशु, जैसे भगवन को पूंजा जाता है | भारत देश सम्राट अशोक, छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप,रानी लक्ष्मी बाई,पन्ना धाइ , सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे वीर की भूमि है | स्वामी विवेकानंद ,राज राम मोहनराइ ,महात्मा गाँधी, जवाहरलाल नेहरु, जैसे देश सेवको ने इस देश की संस्कृति को बचाने के लिए अपने प्राण तक दाव पर लगा दिए | 

भारतीय संस्कृति आज भी हमें धर्म का ज्ञान,रीती रिवाजो,जीवन जीने के निजी तरीके,मान सन्मान,त्याग,बलिदान, हिलमिल कर रहना , सत्य , अहिंसा, जरूरत मंदों कि मदद करना जैसे मूल्यों को सिखाती है | आज भी सरे विश्वके लोगो ने भारतीय संस्कृति को अपनाया है |भारतीय संस्कृति में स्त्री को बहुत मन सन्मान दिया जाता है और घर की इज्जत माना जाता है | हिन्दू धर्म में गृह लक्ष्मी माना जाता है | भारत में दिन सूर्य नमस्कार के साथ शुरु होता है | इसमें लोग सूर्य को जल चढ़ाते हैं और मंत्र पढ़कर प्रार्थना करते हैं | भारतीय लोग प्रकृति की पूजा करते हैं और यह इस संस्कृति की अनूठी बात है| हिंदू धर्म में पेड़ों और जानवरों को भगवान की तरह पूजा जाता है | लोग भगवान में विश्वास रखते हैं और कई त्यौहारों पर उपवास रखते हैं| वे सुबह का ताज़ा खाना गाय को और रात का आखिरी खाना कुत्ते को देते हैं | दुनिया में कहीं भी इस तरह की उदारता नहीं देखी जाती |


हमारे राष्ट्र की ये महान संस्कृति है कि हम बहुत खुशी के साथ अपने घर आये मेहमानों की सेवा करते है क्योंकि मेहमान भगवान का रुप होता है इसी वजह से भारत में “अतिथि देवो भव:” का कथन बेहद प्रसिद्ध है| हमारी संस्कृति की मूल जड़ इंसानियत और आध्यात्मिक कार्य है| भारत देश के लोग अपने उत्सव जैसे की दिपावली , होली,रक्षाबंधन, नवरात्री,दशहरा,जन्माष्टमी,नाताल, ईद-ए-मिलाद , पतेती, बैसाखी जैसे त्यौहार धामधूम से मनाये जाते है , और भारतीय संस्कृति का डंका सारे विश्व में बजाते है | भारत देश के लोक मेले तो भारतीय संस्कृति का एक अहम् हिस्सा है |भारतीय शास्त्रीय नृत्य, जैसे भरतनाट्यम, कथकली, कत्थक, मणिपुरी, ओडिसी और कुचिपुड़ी मुख्य तौर पर नाट्य शास्त्र, पुराण और शास्त्रीय साहित्य और रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों के संकेतों का पालन करना भारतीय संस्कृति का एक आयना सारे विश्व के सामने है |भरता के कारीगरो की कला कारीगरी के उदहारण के रूप में ताजमहल, लाल किल्ला, कुतुबमीनार ,सोमनाथ मंदिर,पद्मनाभ स्वामी मंदिर,चर्च ,गिरजाघर जैसी कलात्मक इमारते पुराने समय से भारतीय संस्कृति का प्रचार कई सालो से पुरे विश्व में कर रहे है और एक अद्भुत कलात्मक कारीगरी का जीता जागता उदहारण है |

भारतीय संस्कृति हमें बहुत ही सिकहती है | आज नयी पीढ़िया हमारी संस्कृति को भुलाकर दुशरे देश की संस्कृत अपनाने जा रही है पर सचमे भारतीय संस्कृति को बहार के देश और लोग भी अपना रहे है , तो हम भारतीय है , तो अपनी संस्कृति को कभी भूलना नहीं चाहए ,बल्कि सरे विश्व में इसका प्रचार करना चाहए |

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