गुजरात के वडोदरा शहर से करीबन 60 किमी की दुरी पर डभोई के पास करनाली गाव आया हुआ है ,जो हमारे वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने दतक लिया है वहा नर्मदा नदी के किनारे स्वयंभू भगवान शिव का मंदिर है | भगवान शिव यहाँ कुबेर भंडारी के नाम से जाने जाते है |इस पोस्ट में हम आपको कुबेर भंडारी मंदिर के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे , आशा है आपको यह जानकारी आपको पसंद आएगी |
लोकेशन : गुजरात के वडोदरा से 60 किमी दुरी पर करनाली गाव के नर्मदा नदी के किनारे पर
प्रवेश : मुफ्त
स्पेशल दर्शन के लिए : 250/-रु टिकट
वाहन पार्किंग : हा
फोटोग्राफी : मंदिर के अन्दर मना
समय : सुबह के 4:00 से रात के 10 :00 तक
अमावश्या स्पेशल समय : रात के 12:00 बजे से सुबह के 1 :00 बजे तक
मुलाकात के लिए समय : करीबन 1 घंटा
फोन नंबर : 026632333777
मुलाकात के लिए सही समय : हररोज सुबह -शाम (अमावश्या के दिन और सोमवती अमावश्या के दिन पर बहुत लोगो की भीड़ रहती है )
नजदीकी रेलवे स्टेशन : वडोदरा रेलवे स्टेशन (60 किमी )
नजदीकी हवाई अड्डा : वडोदरा हवाई अड्डा (60 किमी )
कुबेर भंडारी मंदिर जहा भगवान शिव का स्वयंभू प्रगट हुआ शिवलिंग है , जो डभोई तहसील में करनाली गाव में नर्मदा नदी के किनारे करीबन 800 फिट की ऊंचाई पर स्थित है | यह मंदिर करीबन 2500 वर्षो पुराना मंदिर है | यहाँ भगवन शिव के शिवलिंग के आलावा गणेशजी ,महाकाली ,हनुमानजी और रणछोड़राइ का भी मंदिर है | अमावश्या के दिन यहाँ पर करीबन 5 लाख से ज्यादा लोग कुबेर भंडारी दादा का आशीर्वाद लेने आते है |अमावश्या पर दादा के दर्शन रात को 12:00 बजे से शुरू हो जाते है | करीबन २ किमी से ज्यादा लम्बी कतार में 4 से 5 घंटे खड़े रहने के बाद कुबेर भंडारी दादा के दर्शन होते है | यहाँ पर श्रद्धालुओ की हर मनोकामना पूर्ण होती और नि:संतान महिलाओ को संतान प्राप्ति भी होती है इसी लिए अमावश्या के दिन दर्शन करने लाखो लोग आते है |यहाँ लोग भगवान को दूध,बिलिपत्र,शहदगन्ने का रस ,सुगन्धित द्रव्य,फल,फुल आदि अर्पण करते है | जिन को कतार में खड़े रहने की तकलीफ हो उनके लिए और बुजुर्गो के लिए मंदिर की कमिटी द्वारा यहाँ पर स्पेशल जल्दी दर्शन की भी व्यवस्था की गई है , जो टिकिट काउंटर से टिकट लेकर जल्दी दर्शन हो शके | मंदिर के बायने हिस्से में नर्मदा नदी का तट है ,जो बहुत ही सुन्दर दीखता है | अमावश्या के दिन दर्शन और नर्मदा स्नान करके लोग धन्य होते है |
कहा जाता है की कुबेर रावण का छोटा भाई था | रावण ने भगवन शिव को प्रसन्न करके बहुत शक्तिशाली बन गया और उनके भाई को लंका से निकल दिया | फिर कुबेर नर्मदा नदी के किनारे करनाली आकर भगवान शिव का तप (ध्यान ) करने लगा और यहाँ पर महाकाली माता को उनकी रक्षा करने की प्रार्थना की | उनकी भक्ति से भगवान शिव प्रसन्न हुए और यहाँ पर प्रगट हुए ,पर लंका का राज्य वापस दिलाने में असमर्थ थे इसी लिए उनको देवताओ के धन की रक्षा की जिम्मेदारी दी गई | इसी लिए इन्हें धन के देवता " कुबेर भंडारी " कहा जाता है |भगवान शिव ने उन्हें अपने साथ स्थान दिया ,और इस जगह पर स्वयंम भू प्रगट हुए तबसे ये स्थान लोगो के आस्था का केंद्र बन गया है | करनाली के सामने किनारे निलकंठधाम स्वामीनारायण मंदिर और सहजानंद यूनिवर्स बहुत ही सुन्दर दीखता है | आप नौका से करीबन 15 मिनट में वहा पहुच सकते है |
कैसे पहुचे कुबेर भंडारी मंदिर करनाली
हवाई जहाज के माध्यम से : नजदीकी हवाई अड्डा वडोदरा हवाई अड्डा करीबन 60 किमी पड़ता है ,वहा से आप टेक्सी या बस के जरिये पहुच सकते है |
रेलवे के माध्यम से : नजदीकी रेलवे स्टेशन वडोदरा करीबन 60 किमी पड़ता है ,वहा से आप टेक्सी या बस के जरिये पहुच सकते है |
रास्ते के माध्यम से : वडोदरा से आप कई रिक्शा और टेक्सी के जरिये मंदिर पुच सकते है | अमावश्या के दिन वडोदरा से स्पेशल करनाली के लिए परिवहन द्वारा बस का इंतजाम किया जाता है , जिससे सरलता से पहुच शके |
नौका के मध्य से : चनोद ,पोइचा से आप नौका से भी कुबेर भंडारी के मंदिर पहुच शकते है |
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