बॉर्डर के असली हीरो ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह का मोहाली स्थित फोर्टिस अस्पताल में शनिवार की सुबह लगभग 9 बजे निधन हो गया। फिल्म बॉर्डर में सनी देओल ने मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी की भूमिका निभायी थी। फिल्म में देश के इस बेटे की वीरता को बखूबी दर्शाया गया था। सन् 1971 में लोंगेवाल की लड़ाई के दौरान मेजर रहे कुलदीप सिंह ने विषम परिस्थितियों में भी गजब का साहस दिखाया था। दुश्मन की टैंक रेजिमेंट के सामने वह न सिर्फ चंद सैनिकों के साथ टिके रहे, बल्कि दुश्मन को धूल भी चटा दी थी।
सन् साल 1997 में जब फिल्म बॉर्डर रिलीज हुई तो यह बड़ी सुपरहिट साबित हुई। कुलदीप सिंह सिर्फ 22 साल की उम्र में ही पंजाब रेजिमेंट की 23वीं बटालियन में शामिल हो गए थे। यह भारतीय सेना की सबसे पुरानी और सम्मानित यूनिट्स में से एक मानी जाती है।
सन् 1965 में पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में भी कुलदीप सिंह ने भाग लिया था। 4 दिसंबर 1971 को भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान अपने 120 सैनिकों की कंपनी के साथ कुलदीप सिंह लोंगेवाल में भारतीय सीमा की रक्षा कर रहे थे, तभी पाकिस्तान की 51वीं इंफैंट्री ब्रिगेड के 3000 सैनिकों ने उनकी पोस्ट पर हमला कर दिया था। यहां उन्होंने दुश्मन को डटकर जवाब दिया। पाकिस्तानी सैनिक कुलदीप सिंह के सैनिकों को छू भी नहीं पाए और सिर्फ दो सैनिक घायल हुए थे। युद्ध के मैदान पर जबरदस्त साहस दिखाने के लिए उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। महावीर चक्र से सम्मानित किए जाने के दौरान उनके संबंध में कहा गया।
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